Tuesday, October 13, 2009

''मैं शास्त्रीय ही गाना चाहती थी'' - लता मंगेशकर

२८ सितम्बर को लता दीदी का ८० वां जन्मदिन है, उनके इस शुभ दिन को और भी यादगार बनाने के लिए संगीत कंपनी सारेगामा ने ''८० ग्लोरियस ईयर ऑफ़ लता मंगेशकर -सफलता के शिखर पर - कल भी आज भी'' नाम का आठ सी डी का एक एलबम रिलीज़ किया है, जिसमें सन ४० के दशक से लेकर सन २००० तक के सभी लोकप्रिय गीत शामिल किये गये हैं। १२०० रूपए मूल्य पर उपलब्ध इस आठ सी डी के आकर्षक पैक में लता दीदी की आवाज में मधुर गीत तो हैं ही हैं इसके साथ -- साथ इस एलबम की कई अन्य विशेषताएं भी हैं जैसे -- इस सी डी का परिचय कराया है जाने माने निर्माता - निर्देशक यश चोपडा ने। उन्होंने ''लता दीदी'' के बारे में खुद एक लेख लिखा है. इसके अलावा लता दीदी की अलग - अलग आयु की कुछ दुर्लभ तस्वीरे भी हैं, कुछ तस्वीरों में उनके साथ यश चोपडा भी हैं. लता दीदी से विस्तृत बातचीत हुई उनके इसी एलबम और उनके व्यक्तिगत जीवन को लेकर प्रस्तुत हैं कुछ रोचक अंश ---

सबसे पहले तो आपको हम सभी की तरफ से जन्म दिन की बहुत - बहुत बधाई। किस तरह मना रहीं हैं जन्मदिन ?

मैं कुछ नहीं करती, मुझे केक काटना पसंद नहीं हैं। जब छोटी थी तब जन्मदिन पर माँ घर में मिठाई बनाती थी और माथे पर तिलक लगाती थी. वो अच्छा लगता था.

संगीत कंपनी सारेगामा द्वारा रिलीज़ किये गये आपके इस एलबम ''८० ग्लोरियस ईयर ऑफ़ लता मंगेशकर -सफलता के शिखर पर - कल भी आज भी'' के गीतों का चुनाव आपने किस तरह किया ?

मेरे इस एलबम में वो गीत हैं जो कि अमीन सयानी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम बिनाका गीत माला में नंबर वन की पोजीशन पर होते थे। इसमें ४० के दशक के पुराने गीतों से लेकर २००० तक के लोकप्रिय गीत हैं।

इसमें यश जी ने आपके बारें में लिखा है व आपके उनके साथ कुछ विशेष फोटो भी हैं, यश जी के बारे में हमें कुछ बताइए ?

यश जी और मेरा भाई बहन का रिश्ता हैं उनके साथ मैंने बहुत काम किया है, इसके अलावा वो मेरे प्रिय निर्देशक भी हैं।उनका जन्म दिन २७ सितम्बर को होता है और मेरा ठीक एक दिन बाद यानि २८ सितम्बर को.

आप अपनी किसी उपलब्धि को कैसे देखती हैं जैसे आपके इस जन्मदिन पर सारेगामा ने यह एलबम रिलीज़ किया है ?

यह सारेगामा का मेरे प्रति प्यार है, जो उन्होंने मेरे गीतों का यह एलबम रिलीज़ किया है। मेरे लिए मेरी हर उपलब्धि मायने रखती है.

आपने अभिनय भी किया है ?

हाँ लेकिन मुझे अभिनय करना कभी भी पसंद नहीं आया, मेकअप करना बहुत ही बेकार लगता था।

आप शास्त्रीय गीत गाना चाहती थी ?

हाँ मैं शास्त्रीय ही गाना चाहती थी लेकिन परिस्थितियों की वजह से मुझे फ़िल्मी गीतों को गाना पड़ा, क्योंकि मुझे रूपये कमाने थे अपने परिवार के लिए।

जब आपने गाना शुरू किया था तब आपकी आवाज के बारें में लोग कहते थे कि आपकी आवाज बहुत ही पतली है ?

हाँ कहा था, लेकिन मेरी आवाज भी तो पतली ही है, लेकिन मैं आपको बता दूं कि मैंने अपना पहला गीत ऐसे हिरोइन के लिए गाया जिसकी आवाज मोटी थी।

शुरू शुरू में आप नूरजहाँ की तरह गाती थी ?

हाँ क्योंकि मैं उनकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ मैंने उन्हें बचपन में बहुत सुना है। लेकिन उनकी कॉपी नही करती थी बस किसी - किसी शब्द को कैसे बोलती हैं मैं भी वैसा ही करती थी लेकिन ऐसा ज्यादा दिन तक नहीं चला, मुझे अपना अलग ही स्टाइल अपनाना पड़ा। और ऐसा करने में मेरे संगीत निर्देशकों का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है.

आपने सभी तरह के गीत गायें हैं जैसे रोमांटिक, छेड़छाड़ व विरह के, आपको किस तरह के गीत गाना अच्छा लगता है ?

मुझे भजन व सीधे सादे गीत गाना अच्छा लगता है, लेकिन मैं आपको बताऊ कि मैंने भूत वाले गीत बहुत ही गायें हैं, जो कि हिट भी बहुत हुए, लोग कहने लगें थे कि भूत का गाना तो लता से गवाओ हिट होगा।

आपको किस गायक के साथ युगल गीत गाने ने मजा आता था ?

किशोर दा के साथ, क्योंकि वो बहुत ही हंसाते थे, मजा करते थे संगीतकारो की नकल बनाते थे, सभी का नाम उन्होंने रख रखा था। कई बार तो हमें उन्हें रोकना पड़ता था कि बस अब बहुत हो गया। हाथ से सारंगी बजाते जाते और गाते जाते.

किस संगीतकार के साथ आपको काम करना बेहद अच्छा लगता था?

मदन मोहन, शंकर जयकिशन, नौशाद, सलिल चौधरी, सज्जाद हुसैन। एस डी बर्मन, अनिल विश्वास, जयदेव, हेमंत कुमार सभी के साथ मुझे काम करना पसंद था, इन सभी के साथ काम करते हुए मैंने बहुत सीखा।

आपका जिक्र आते ही सबसे पहले जो छवि आती है वो होती है लाल या सुनहरे बॉर्डर वाली सफेद या क्रीम रंग की साडी पहने लता दीदी। तो कोई ख़ास वजह है यह रंग पहनने की ?

मुझे हमेशा से ये ही रंग पसंद आते हैं पहले मैंने लाल या पीले रंग की साडी पहनी है उन रंगों की साडी पहन कर मुझे ऐसा लगता था कि जैसे किसी ने मुझ पर रंग डाल दिया हो, मैंने माँ को बताया तो वो बोली कि कोई बात नहीं जो तुम्हें अच्छा लगता है वो रंग पहनो।

अभी कोई एलबम आपका आ रहा है ?

पांच सी डी का एक एलबम हम तैयार कर रहें हैं इनमें युगल गीत ही होगें। एक सी डी में केवल शास्त्रीय गीत ही हमने शामिल किये हैं। इससे पहले भी पांच सी डी का एक एलबम निकाला था जिसमें हमने पिताजी, सहगल साहेब, बड़े गुलाम अली साहेब, मुकेश भैय्या, मेरे आशा व सोनू निगम के गीत रखे थे.

आप अपने पिताजी से संगीत सीखती थी तो वो कुछ बताते थे कि कैसे गाना चाहिए ?

जब पिताजी रियाज करते थे तो मैं भी उनके पास बैठ जाती थी सुनती थी और गाती थी, पिताजी बहुत ऊँचे सुर में गाते थे उनको सुनकर मैं भी ऊँचे सुर में गाने लगी तभी मेरा सुर भी ऊँचा है लोग तो कहतें हैं कि लड़कियों का सुर कभी इतना उंचा नहीं होता जितना मेरा होता है। पिताजी ने यह कभी नहीं कहा कि ऐसा गाओ या वैसा गाओ वो बस इतना कहते थे कि ये जो तुम्हारा तानपूरा है इस पर कभी धूल नहीं पड़ने देना नहीं तो तुम्हारे गाने पर भी धूल पड़ जायेगी।

संगीतकार ए आर रहमान के बारे में कुछ कहना चाहेगीं ?

अच्छा संगीत है उनका, मैंने भी उनके साथ गाया है। वो नये नये लोगो को गाने का मौका देते हैं यह बहुत बड़ी बात है, मेरे हिसाब से बड़ा संगीतकार वो है जिसके संगीत से पुराना सारा संगीत बदल जाए. जैसे सन ४१ मे मास्टर गुलाम हैदर आये और सारा संगीत बदल गया फिर उनके संगीत को शंकर जयकिशन ने बदला.

''हम तीनो की तिकड़ी फिर से रंग जमाएगी'' --- डेविड धवन

डेविड धवन की बात हो और गोविंदा का नाम न आये ऐसा हो ही नहीं सकता। इन दोनों की बहुत ही अच्छी ट्यूनिंग है, जितने अच्छे ये दोस्त हैं उतना ही अच्छा निर्देशक और अभिनेता का रिश्ता है इनके बीच. इन दोनों का यही सम्बन्ध देखने को मिलेगा इनकी आने वाली फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'' में, जो कि जल्दी ही रिलीज़ होने वाली है.फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब '' के निर्माता हैं वाशु भगनानी. पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में उनसे बातचीत हुई फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'' को लेकर---
किस तरह की फिल्म है ''डू नॉट डिस्टर्ब''?

-यह फिल्म मेरे ही स्टाइल की है जिसमें रोमांस व हास्य है और इसमें ऐसा हास्य है जिसे देख कर दर्शक बहुत ही हँसेगें। वाशु भगनानी की इस फिल्म में गोविंदा भी है हम तीनो ने एक साथ इस फिल्म से पहले फिल्म '' छोटे मियां बड़े मियां '' में काम किया था। आप सभी जानते हैं कि कितनी हिट हुई थी वो फिल्म. मुझे लगता है कि हम तीनो की तिकड़ी फिर से रंग जमायेगी.

इस फिल्म के बारें में बात करें या आपकी पुरानी फिल्मों की, आपने अधिकतर हास्य फिल्में ही बनायी हैं क्या कोई खास वजह है इसकी?

-वजह यही है की मुझे ऐसी ही फिल्में बनाना पसंद है, इसके अलावा दर्शको को भी अधिकतर हास्य फिल्में पसंद आती हैं। जिन्दगी में वैसे भी कम दुख दर्द हैं जो परदे पर भी दर्शक यहीं सब देखें. वैसे मैं आपको बता दूं कि मैंने ''स्वर्ग'' जैसी भावुक फिल्म भी बनाई है.

आपकी इस फिल्म में तो सारे कलाकार ऐसें हैं जिनके साथ आप पहले भी काम कर चुके हैं?

-हाँ गोविंदा का और मेरा तो बहुत ही पुराना साथ है इसके अलावा सुष्मिता व लारा के साथ भी मैंने पहले भी काम किया है बस रितेश ही नये हैं जिनके साथ इस फिल्म में काम किया है।

रितेश के बारें में बताइए?

-बहुत ही होनहार कलाकार है रितेश, अच्छा काम किया है फिल्म में उन्होंने।

सुष्मिता और लारा में कौन बेहतर अभिनेत्री है?

-दोनों ही अच्छी हैं और दोनों ही हास्य भूमिकायें कितनी स्वाभाविकता से निभा रही हैं आप सभी जानतें हैं, लारा ने अपने आपको बहुत ही इम्पूर्व किया है। सुष्मिता भी बहुत शानदार काम करती है लेकिन मुझे लगता है कि उसे अभी तक अच्छी भूमिका मिली ही नहीं है.

आपकी इस फिल्म में ''बेबो'' नाम का गाना भी है क्या कोई ख़ास वजह इसकी?

वैसे भी यह नाम तो करीना कपूर का है?

-जब आप फिल्म देखेगें तब आपको पता चल जाएगा। जहाँ तक नाम की बात है तो पंजाब में प्यार से बेटियों को ''बेबो'' बुलाते हैं। यह नाम किसी का भी हो सकता है.

फिल्म ''पार्टनर'' का सीक्वल कब तक बनेगा?

-अभी तो उसमें समय लगने वाला है क्योंकि सलमान के पास वक्त की कमी है।

आपकी आने वाली फिल्में कौन सी हैं?

-टॉम एंड जेरी के अलावा हुक या क्रुक ये दो फिल्में आने वाली हैं.

''मैं ही हूँ गोविंदा की डॉली'' --- लारा दत्ता

मिस यूनिवर्स लारा दत्ता ने जब फिल्मों में कदम रखा तब दर्शको ने क्या उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि एक समय ऐसा आयेगा जब वो एक के बाद एक कई हास्य फिल्में दर्शको को देगीं। ''अंदाज'' फिल्म से उन्होंने फिल्मों में कदम रखा इसके बाद मुंबई से आया मेरा दोस्त, मस्ती, भागम भाग, नो एंट्री, पार्टनर, बिल्लू आदि अनेको फिल्मों में काम किया है. इस समय लारा फिर चर्चा में हैं क्योंकि निर्माता वाशु भगनानी की फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'' आने वाली है जिसमें उनके हीरो हैं गोविंदा. लारा से विस्तृत बात चीत हुई उनकी इसी आने वाली फिल्म के बारें में—
फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'' के बारें में बताइए,

आपकी क्या भूमिका है? -मैं डॉली नाम की लड़की बनी हूँ जोकि एक शादीशुदा व्यक्ति से प्यार करती है, अपने प्यार को छुपाने के चक्कर में कुछ ऐसी घटनाएं घटतीं हैं जिनसे हास्य पैदा होता है। निर्माता वाशु भगनानी की इस फिल्म के निर्देशक हैं डेविड धवन, जिनके साथ मैंने ''पार्टनर'' में काम किया था, गोविंदा, रितेश देशमुख व सुष्मिता सेन हैं मेरे साथ इस फिल्म में.

क्या आप ही हैं गोविंदा की डॉली, जिनके बारें में आज कल बहुत चर्चा हो रही है?

-जी हाँ मैं ही हूँ उनकी डॉली, जिस तरह से चीची डॉली डॉली बुलातें हैं सभी को अच्छा लगता है।

इस फिल्म में आपने सुष्मिता सेन के साथ काम किया है कैसा रहा उनके साथ काम करना?

-अच्छा रहा, लेकिन उनके साथ बहुत ही कम द्रश्य मिलें हैं मुझे करने के लिये। सुष्मिता के साथ मेरी काम करने की तमन्ना पूरी हो गयी क्योंकि वो मुझे बहुत ही पसंद हैं।

दो यूनिवर्स हैं फिल्म में एक साथ, सुना है कि सेट पर आप दोनों के बीच कुछ प्रोब्लम भी हो गयी थी?

-जिस फिल्म में दो हीरोइने हों क्या वहां जरूरी है कुछ प्रोब्लम होती ही है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ मेरे और उनके बीच। बहुत ही अच्छा रहा शूट पर.

गोविंदा के साथ तो आपने पहले भी काम किया है इस फिल्म में बताइए कैसा रहा?

-मजा आया, पहले मैंने उनके साथ काम किया है भागम भाग व पार्टनर में, लेकिन इस फिल्म में मुझे ज्यादा मौका मिला है साथ में काम करने का। इस फिल्म के बाद रवि चोपड़ा की ''बन्दा ये बिंदास है'' नाम की फिल्म भी आ रही है इसमें भी मेरे साथ गोविंदा हैं. गोविंदा को तो ''किंग ऑफ़ कॉमेडी'' कहा जाता है

तो ऐसे में आपको कोई मुश्किल तो नहीं आयी काम करते हुए?

-जब गोविंदा और डेविड साथ में हों तो हास्य खुद बा खुद पैदा हो जाता है। मैंने भी इन दोनों के साथ कदम से कदम मिलाने की कोशिश की है.

आपकी अधिकतर फिल्में हास्य ही क्यों आ रही हैं?

-क्योंकि मुझे ऐसी ही फिल्में मिल रही हैं और मैं भी पूरा आनंद ले रही हूँ हास्य फिल्मों का, मेरे हिसाब से गंभीर अभिनय से ज्यादा हास्य अभिनय करना मुश्किल है। मुझे डेविड धवन। प्रियदर्शन व साजिद खान के साथ काम करना बेहद पसंद है.

''ब्लू '' फिल्म मे संजय दत्त के साथ आपने पहली ही बार काम किया है कैसा रहा उनके साथ काम करना? -

यह फिल्म बहुत ही अलग तरह की है, इसमें मैंने एक्शन द्रश्य भी किये हैं. संजू के साथ भी बहुत ही अच्छा रहा. पानी में भी हमने शूट किया है. दर्शको को पसंद आएगी यह फिल्म.

८० ग्लोरियस ईयर ऑफ़ लता मंगेशकर

सफलता के शिखर पर, कल भी आज भी''मधुर आवाज या मधुर गीत संगीत की बात हो तो सबकी जुबान पर सबसे पहले सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का नाम आता है. २८ सितम्बर को लता दीदी ८० साल की हो रही हैं, इस शुभ अवसर पर संगीत कंपनी सारेगामा ने आठ सी डी का एक पैक रिलीज़ किया है'' ८० ग्लोरियस ईयर ऑफ़ लता मंगेशकर--सफलता के शिखर पर, कल भी आज भी'' शीर्षक से. इस आठ सी डी के पैक में सन ४० के दशक से लेकर सन २००० तक के सभी लोकप्रिय गीत शामिल किये गये हैं, जिनमें ''जिया बेकरार है'' [बरसात - १९४९] ''लारा लप्पा लारा लप्पा''[ एक थी लड़की - १९५०] '' इन्हीं लोगो ने '' [पाकीजा - १९७१]'' प्यार किया तो डरना क्या'' [मुग़ल ए आजम-१९६०] ''बिंदिया चमकेगी'' [दो रास्ते- १९६९] ''देखा एक ख्वाब'' [सिलसिला -१९८१] '' चूडियाँ खनक गयी'' [लम्हें - १९९१] ''कुछ न कहो'' [ १९४२ ए लव स्टोरी -१९९४] आदि के अलावा अनेको ऐसे वो सदाबहार गीत हैं जिन्हें श्रोता हमेशा गुनगुनाना पसंद करते हैं. १२०० रूपए मूल्य पर उपलब्ध इस आठ सी डी के आकर्षक पैक में लता दीदी की आवाज में मधुर गीत तो हैं ही हैं इसके साथ --साथ एलबम की कई अन्य विशेषताएं भी हैं जैसे --इस सी डी का परिचय कराया है जाने माने निर्माता - निर्देशक यश चोपडा ने. उन्होंने ''लता दीदी'' के बारे में खुद एक लेख लिखा है. इसके अलावा लता दीदी की अलग-अलग आयु कुछ दुर्लभ तस्वीरे भी हैं, कुछ तस्वीरों में उनके साथ यश चोपडा भी हैं
-एच एस कम्युनिकेशन

"सामने गोविंदा हो तो आपका अभिनय खुद बा खुद बेहतर हो जाता है'' -- सुष्मिता सेन

खूबसूरत सुष्मिता सेन ने जब १९९४ में मिस यूनीवर्स का खिताब जीता तब सारे विश्व की निगाहें भारत की ओर उठ गयीं, इसके साथ साथ हिंदी फ़िल्मी दुनिया की निगाहें व उम्मीद सुष्मिता की ओर लग गयीं। उन्होंने फिल्म ''दस्तक'' से अपने अभिनय का सफ़र आरम्भ किया। तब से लेकर अब तक उन्होंने अनेको फिल्मों में काम किया है. अपने अभिनय व खूबसूरती के साथ साथ सुष अपने अफेयरो के लिए भी हमेशा चर्चा में रही हैं, लेकिन इस समय वो चर्चा में हैं क्योंकि जल्दी ही उनकी एक फिल्म रिलीज़ होने वाली है'' डू नॉट डिस्टर्ब''. निर्माता वाशु भगनानी की इस फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'' के निर्देशक हैं डेविड धवन, फिल्म में सुष्मिता के साथ हैं उनकी एक हिट फिल्म के हीरो गोविंदा, इनके अलावा रितेश देशमुख व लारा दत्ता भी हैं. सुष्मिता से पिछले दिनों बातें हुई उनकी इसी आने वाली फिल्म को लेकर. प्रस्तुत हैं कुछ अंश ---
काफी लम्बे अरसे बाद आपकी यह फिल्म आयी हैं?

-- हाँ लेकिन अब दर्शको को एक के बाद एक मेरी कई फिल्में देखने को मिलेगीं, जिनमें सबसे पहले मैं बात करूगीं फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'' की। निर्देशक डेविड धवन की यह हास्य फिल्म है इसमें मेरे हीरो हैं गोविंदा,जिनके साथ मैं पहले भी काम कर चुकी हूँ। काफी पसंद की थी दर्शको ने हमारी जोड़ी। और अब इस फिल्म में भी हमारी जोड़ी उन्हें पसंद आएगी ऐसी मेरी उम्मीद है. निर्माता वाशु जी व निर्देशक डेविड के साथ भी मैं पहले काम कर चुकी हूँ.

गोविंदा के साथ आपने पहले भी काम किया है फिर दोबारा कैसा रहा उनके साथ काम करना?

-- बहुत ही अच्छा, जब आपके सामने ची ची हो तो आपका अभिनय अपने आप बेहतर हो जाता है और उस पर डेविड फिल्म का निर्देशन कर रहें हो तो फिर क्या कहने, इन दोनों की कैमिस्ट्री देखते ही बनती है।

इस फिल्म में लारा भी हैं सुनने में आया है आप दोनों के बीच कुछ इगो प्रोब्लम हो गयी थी?

--अच्छा क्या सच में? मुझे तो नहीं पता। आप लोग ही यह सब करते रहते हैं कब किसकी दोस्ती करवानी है? कब किसकी लड़ाई? ऐसी कोई भी बात नहीं मेरे और लारा के बीच नहीं है .

गोविंदा और आपके बीच भी कुछ प्रोब्लम चल रही थी?

--अगर मेरे और गोविंदा कुछ भी प्रोब्लम होती तो मैं यह फिल्म करती ही नहीं।

आपने कहा कि आपकी कई फिल्में आने वाली हैं बताईये, कुछ उनके बारें में?

--सबसे पहले तो यही आ रही है '' डू नॉट डिस्टर्ब'' फिर इसके बाद आएगी ''दूल्हा मिल गया'' जिसे अभिनेता अनुज सक्सेना की प्रोडक्शन कम्पनी ''मेवरिक'' प्रेजेंट कर रही है इस फिल्म में मेरे साथ शाहरुख़ खान व फ़रदीन खान हैं। फिर इसके बाद ''नॉ प्रोब्लम'' और ''तीन पत्ती'' आयेगीं. मेरी ये सभी फिल्में हास्य फिल्में हैं लेकिन सभी में मैंने अलग अलग तरह की भूमिकाएं की हैं.

आपके प्रोडक्शन की फिल्म ''रानी लक्ष्मी बाई'' का क्या हुआ?

--अभी फिलहाल तो काम रुका हुआ है मै अभी कुछ कह नहीं सकती इसके बारे में।

और ''बेनजीर भुट्टो''के बारें में क्या कहना है?

--यह बेनजीर भुट्टो के जीवन पर बन रही है इसलिए थोड़ी विवादास्पद फिल्म है, और इसे बनाते समय ''पाकिस्तान पीपुल पार्टी'' की सहमति की जरुरत भी है। हमारी तैयारी पूरी है. मैं ही बेनजीर का किरदार कर रही हूँ. इसकी शूटिंग दुबई , यू एस व ब्रिटेन में होगी.
--मीनाक्षी शर्मा

''मुझे पूरा यकीन है कि फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'' भी हिट होगी'' – गोविंदा

गोविंदा गोविंदा की फिल्मों का नाम लेते ही सबके चेहरे पर हसीं आ जाती है क्योंकि उनकी जितनी भी फिल्में आयी है उन सभी में भरपूर मनोरंजन होता है. और अगर गोविंदा के साथ डेविड धवन का नाम जुडा हो तो जैसे सोने पे सुहागा. गोविंदा व डेविड ने दर्शको को एक से बड़ कर एक पारिवारिक, मनोरंजक व हास्य फिल्में दी है जिनमे शोला और शबनम, हसीना मान जायेगी, दीवाना मस्ताना, अंदाज, आखें, राजा बाबू, सजान चले ससुराल, कुवारा, कुली नंबर १, जोड़ी नंबर १, छोटे मियां बड़े मियां व पार्टनर प्रमुख हैं. पार्टनर फिल्म के बारे में तो यह कहा जा सकता है कि इस फिल्म के द्वारा ही गोविंदा ने फिर से अपना करियर शुरू किया. इस समय गोविंदा चर्चा में है निर्माता वाशु भगनानी की फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'' को लेकर. बिग पिक्चर्स एंड पूजा इंटरटेनमेंट इंडिया लिमिटेड प्रेजेंट्स की इस फिल्म के निर्देशक हैं डेविड धवन. गोविंदा से मुलाकात हुई और बातें हुई उनकी इसी फिल्म को लेकर. प्रस्तुत हैं कुछ अंश ---
अपनी इस फिल्म के बारें में बताइये, क्या कहानी है इसकी?
हास्य फिल्म है ''डू नॉट डिस्टर्ब'', मैं बहुत ही अमीर बिजनिस मैन है उसकी एक खूबसूरत पत्नी है लेकिन उसका प्रेम सम्बन्ध एक सुपर मॉडल से हो जाता है और फिर उस बेचारे का क्या होता है ? यही है मेरी इस फिल्म की कहानी, जिसका निर्देशन किया है मेरे दोस्त डेविड ने और फिल्म का निर्माण किया है वाशु जी ने, जिनके साथ मैं पहले भी काम कर चुका हूँ।
आपने निर्माता वाशु भगनानी के साथ भी काफी अरसे बाद काम किया है?
करीब दस साल ही गये जब फिल्म ''छोटे मियां बड़े मियां'' आयी थी,यह फिल्म वाशु जी की ही थी इससे पहले मैंने उनके साथ कुली नंबर १ व हीरो नंबर १ में काम किया था. यह सभी फिल्में हिट रही थी और मुझे पूरा यकीन है कि यह भी हिट होगी।
आपके साथ फिल्म में सुष्मिता भी हैं सुना है उनके और आपके बीच कुछ प्रोब्लम है इसलिए शूट पर भी दिक्कत आयी?
ऐसा कुछ भी नहीं है मेरे और सुष्मिता के बीच, हम दोनों ने पहले भी साथ काम किया है हमारी जोड़ी को भी दर्शको ने बहुत पसंद किया है, फिल्म भी हिट रही थी और मुझे पूरी उम्मीद है यह फिल्म भी दर्शक पसंद करेगें.आपके साथ लारा दत्ता भी है,
बताइये कुछ उनके बारे में?
लारा फिल्म में मेरी प्रेमिका बनी हैं बहुत ही अच्छा काम किया है लारा ने. मैं उनके साथ पार्टनर में भी काम कर चुका हूँ।
आपने तो अधिकतर हास्य फिल्मों में ही काम किया है तो यह फिल्म आपकी पिछली फिल्मों से किस तरह अलग है? बहुत ही अलग है मेरी यह फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब'', क्योंकि डेविड ने फिल्म ही ऐसी बनाई है जो कि दर्शको को नॉन स्टाप हंसायेगी. इसके अलावा मेरे साथ इस फिल्म में कुछ ऐसे कलाकार हैं जिनके साथ मैंने पहली ही बार काम किया है जैसे रितेश, रणवीर शोरे आदि।
रितेश तो आपको ''किंग ऑफ़ कॉमेडी'' कहते हैं तो कैसा रहा उनके साथ काम करना?
मजा आया, रितेश बहुत ही अच्छा काम करता है, मैंने उसकी ''हे बेबी'' व ''मस्ती'' फिल्में देखी हैं दोनों में ही उसने शानदार काम किया है. में उसको उस समय से जानता हूँ जब वो छोटा था।
आपने मणिरत्नम की फिल्म ''रावण'' में भी काम किया है?
हाँ इस फिल्म में मैंने लक्ष्मण की भूमिका की है, यह फिल्म मेरी दूसरी फिल्मों से बिल्कुल ही अलग है. मणि सर के साथ हर कोई काम करना चाहता है मैं भी चाहता था, इस फिल्म में काम करके मेरा सपना पूरा हो गया. पार्टनर फिल्म का सीकुअल बन रही थी क्या हुआ? डेविड और सलमान दोनों ही व्यस्त हैं इसलिए देर हो रही है. सुना है आपकी बेटी नर्मदा भी फिल्मों में आ रही है क्या कुछ बताएगें कब तक आएगी उनकी फिल्म? अभी वो बहुत छोटी है इसके साथ ही वो सही फिल्म व सही भूमिका का इन्तजार कर रही है.

''एनर्जी के लिए स्वीट''

राजधानी दिल्ली से गोविंदा की रात दस बजे की फ्लाईट थी जब वो एयरपोर्ट पहुंचे तो पता चला कि फ्लाईट दस की बजाय १० बज कर ४० मिनट की हो गयीं है. तो गोविंदा फ़ूड बार जा पहुंचें वहां जाकर उन्होंने एक पेस्ट्री और एक पानी की बोतल ली और बोले कि मै आज थक गया मेरी सारी एनर्जी ख़त्म हो गयी है एनर्जी को लेवल पर लाने के लिए कुछ मीठा तो खाना ही चाहिए. गोविंदा कि थकान वजह थी दिल्ली में हुई फिल्म ''डू नॉट डिस्टर्ब '' की प्रेस कांफ्रेंस. जिसमें शामिल होने के लिये गोविंदा ने सुबह ९ बज कर ३५ मिनट की फ्लाईट मुंबई से दिल्ली की ली. आप समझ ही सकते हैं कि इसके लिए उन्हें सुबह कितने बजे उठना पड़ा होगा, और फिर दिल्ली पहुँच कर दो घंटे चली प्रेस कांफ्रेंस फिर उसके बाद एक एक चैनल व अखबार के साथ इंटरव्यू का सिलसिला रात ९ बजे तक चला. तो इतनी भाग दौड़ के बीच बेचारे गोविंदा को कुछ खाने पीने का मौका ही नहीं मिला तो बेचारे मीठा तो खायेगें ही है न।
--ईहा फीचर

''चतुर्वेदी दरोगा की प्रभावशाली भूमिका है मेरी'' -- ओम पुरी

अभिनेता ओम पुरी ने जब भी किसी भूमिका को अभिनीत किया है तो पूरी तरह से उसमें डूबकर। तभी तो उन्हें अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय पुरुस्कार, फिल्म फेयर अवार्ड, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड व पद्मश्री जैसे अनेको सम्मानीय अवार्ड मिलचुके हैं, रिद्धि सिद्धि द्वारा प्रस्तुत फिल्म ''बाबर'' में उन्होंने फिर एक बार दरोगा की भूमिका अभिनीत की है अब तक वो ३० बार पुलिस ऑफिसर की भूमिका कर चुके हैं फिल्म ''बाबर'' में भी वो दरोगा बने हैं. पिछले दिनों नॉएडा के मारवाह स्टूडियो में इसी फिल्म के सिलसिले में उनसे बातचीत हुई.प्रस्तुत हैं कुछ अंश-

''बाबर'' में एक बार फिर पुलिस के दरोगा बने है क्या कोई ख़ास वजह इसकी?


ख़ास वजह तो यही है कि मैं फिर से पुलिस वाला बना हूँ फिल्म ''बाबर में, पता नहीं अभी कितनी बार और बनूंगा।


अर्धसत्य से लेकर अब तक आप अनेको बार पुलिस वाले की भूमिका कर चुके हैं कैसा रहा अब तक का सफ़र?


-फिल्म ''अर्धसत्य'' से शुरू हुआ पुलिस की भूमिका का यह सफ़र बहुत ही अच्छा रहा। मैंने अच्छे व बुरे दोनों ही तरह के पुलिस ऑफिसर की भूमिका की है. ''अर्धसत्य'' में मैं ईमानदार पुलिस ऑफिसर बना था जबकि इस फिल्म ''बाबर'' में भ्रष्ट दरोगा बना हूँ, जो कि अपराधी की मदद करता है उसके साथ बैठ कर चाय पिता है. बाद में उसे अपने रास्ते से हटाने से भी झिझकता नहीं हैं. मजा आया चतुर्वेदी के चरित्र को अभिनीत करके. वास्तव में ऐसे दरोगा होते हैं.


फिल्म ''बाबर'' की कहानी बताइए?


-यह कहानी है एक ऐसे लड़के बाबर की, जो कि १२ साल की छोटी सी उम्र में हत्या कर देता है और अपराध के इस सफर मे चलते हुए वो माफिया बन जाता है।


इस फिल्म में आपके साथ मिथुन दा भी है, कैसा रहा उनके साथ काम करके?

-बहुत ही मजा आया शूट पर, कैसे अभिनेता हैं वो आप सभी जानते हैं मुझे यह बताने की जरुरत नहीं हैं। मुझे ''देव'' फिल्म मे बिग बी के साथ भी बहुत मजा आया था. ''मकबूल'' फिल्म में पुलिस वाले की भूमिका को करते समय शूट पर मैंने व नसीर ने बहुत ही मजे किये.
फिल्म की किसी भूमिका का असर आपकी निजी जिन्दगी पर भी पड़ता है?
- बस ''अर्धसत्य'' के पुलिस ऑफिसर का चरित्र मुझे प्रभावित करता है। बाकि तो जब तक मैं शूट पर रहता हूँ तभी तक उसका प्रभाव रहता है जैसे ही शूट ख़त्म हुआ असर ख़त्म और मैं वापस से ओम पुरी।
''बाबर'' के निर्देशक आशु त्रिखा के साथ कैसा रहा काम करना?-आशु ने अच्छी कहानी चुनी है फिल्म की। एक वास्तविक कहानी पर फिल्म बनाना और उसे वास्तविक लोकेशन पर शूट करना कोई आसान काम नहीं हैं. दर्शको को पसंद आएगी ''बाबर'' फिल्म।

आपकी कौन कौन सी फिल्में आने वाली हैं?
-''लन्दन ड्रीम्स'' ,''रोड टू संगम'', ''वांटेड'' व इस प्यार को क्या नाम दूं'' मेरी आने वाली फिल्में हैं।

आपको राष्ट्रीय पुरुस्कार, फिल्मफेयर, पदमश्री व लाइफ टाइम अचीवमेंट आदि अनेको अवार्ड मिल चुके हैं अब क्या चाहते है?

-अभी बहुत सारे अवार्ड बचे हैं जैसे जैसे मिलेगें तब मैं उसके में बात करूगां, अभी नहीं.

''कहीं आपका नाम डॉली तो नहीं''

''कहीं आपका नाम डॉली तो नहीं''आप सभी ने फिल्म '' डू नॉट डिस्टर्ब'' का वो एड तो देखा ही होगा जिसमें अभिनेता गोविंदा एक नहीं बल्कि कई बार ''डॉली'' नाम बोलते हैं. गोविंदा के मुहं से अपना नाम सुनकर वो सभी लडकियाँ बहुत ही खुश थीं जिनका नाम कि नाम ''डॉली'' है. लेकिन अब सब डॉली नाराज व गुस्से में हैं क्योंकि उनका नाम सभी लोग बोल बोल कर छेड़ने लगें हैं वो भी एक बार नहीं बल्कि कई बार, अब सारी ''डॉलीया'' गोविंदा से मिलना चाहती हैं.

मेरी और बोबी की जोड़ी अच्छी लगी है--- कंगना

कंगना रानावत ने फिल्मों में आने से पहले दिल्ली के ''अश्मिता थियेटर ग्रुप'' के साथ कुछ नाटक किये और फिर मुंबई की ओर कदम रखा जहाँ उन्होंने आशा चंद्रा के अभिनय स्कूल से तीन महीने का अभिनय कोर्स किया. मुंबई में ही निर्देशक अनुराग बासु ने उन्हें एक काफी शॉप मे देखा और अपनी फिल्म ''गैंगस्टर'' मे मुख्य भूमिका के लिये ऑफर किया।
इस तरह कंगना ने २००६ मे फिल्म ''गैंगस्टर'' से अभिनय सफ़र शुरू किया. इस फिल्म मे दर्शको मे उन्हें पसंद किया. इस फिल्म के बाद उन्होंने ''वो लम्हें'' फिल्म में परवीन बोबी की भूमिका अभिनीत की. फिर उन्होंने ''लाइफ इन ए मेट्रो'' ,''शाकालाका बूम बूम'', ''फैशन'' , ''राज द मिस्ट्री'' आदि फिल्मों मे काम किया. कंगना को उनके अभिनय के लिए कई अवार्ड भी मिल चुके हैं जिनमें फिल्म ''फैशन'' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहनायिका का फिल्म फेयर अवार्ड प्रमुख है. जल्दी ही उनकी एक फिल्म आ रही है ''वादा रहा''. इस फिल्म वो बोबी देओल के साथ हैं. इसी फिल्म के सिलसिले में उनसे बातचीत हुई -
फिल्म ''वादा रहा'' के बारे में बताइए?
नेक्स्ट जेन फिल्म्स प्रजेंट्स व टॉप एंगल प्रोडक्शन की फिल्म है ''वादा रहा-- आई प्रोमिस'', इस फिल्म को निर्देशित किया है समीर कार्निक ने. समीर कार्निक ने इससे पहले ''नन्हें जेसलमेर'' व ''हीरोज'' आदि फिल्मों का निर्देशन किया है. इस फिल्म में मैं बोबी देओल की प्रेमिका बनी हूँ. फिल्म में अतुल कुलकर्णी व द्विज यादव भी हैं. फिल्म के गीत लिखे हैं बब्बू मान, तुराज, संदीप नाथ, राहुल बी सेठ एंड सैंडी ने. फिल्म में संगीत कई संगीतकारों बब्बू मान, तोशी-- शारीब, मोंटी, राहुल बी सेठ एंड सैंडी, संजोय चोधरी ने दिया है।
कहानी क्या है फिल्म की?
मैं और बोबी आपस में प्यार करते है. बोबी डॉक्टर बने हैं. आशा निराशा के बीच की जंग दिखाई है फिल्म में. बहुत ही खूबसूरत फिल्म बनाई है समीर कार्निक ने. भावनात्मक फिल्म है, दर्शको को पसंद आएगी. निर्देशक समीर व बोबी दोनों के ही साथ आपने पहली ही बार काम किया है,
कैसा रहा उनके साथ काम करना?
जैसा मैंने पहले भी बताया कि समीर ने बहुत ही जबरदस्त फिल्म बनाई है, अच्छा रहा उनके साथ काम करना. बोबी के साथ मैंने पहले ही बार काम किया है लेकिन ऐसा लगा नहीं कि पहली ही बार हमने साथ काम किया हो. अच्छी जोड़ी लगी है हमारी।
आपकी कुछ फिल्में ऐसी आयी जिनमें आपने नशा किया और आपने उन भूमिकाओ को अभिनीत भी किया बहुत ही स्वभाविक तरीके से, फिर आपको उसी तरह की फिल्में मिलने लग गयी। कुछ कहना चाहेंगी?
हाँ ऐसा ही हुआ, मुझे तो खुद भी ऐसा ही लगने लगा था कि नशेडी व भूत- प्रेत वाली फिल्में ही मुझे करनी पडेगीं. क्योंकि ऐसी ही फिल्में मुझे ऑफर हो रहीं थीं।
फिल्म ''काईट्स'' के बारे में बताईये?
मैं इस फिल्म में सालसा डांसर बनी हूँ. यह भूमिका मेरी पिछली भूमिकाओ से बिलकुल ही अलग है. मैं शूट पर रितिक रोशन से डांस के स्टेप भी सीखती थी. अच्छी फिल्म है ''काईट्स''।
आपकी आने वाली फिल्में कौन सी हैं?
''वन्स अपोन ए टाइम'' ,'' अनीस बज्मी की '' नॉ प्रॉब्लम'', आनंद राय की ''तनु मीट्स मनु'' व ''एक निरंजन'' मेरी आने वाली फिल्में हैं. इन सभी फिल्मों में मैंने अलग अलग तरह की भूमिकाये की है. ''नॉ प्रॉब्लम'' हास्य फिल्म है मैंने इससे पहले कभी हास्य फिल्म में काम नहीं किया, सुष्मिता सेन के साथ शूट पर बहुत ही मजे किये. फिल्म ''गैंगस्टर'' से शुरू हुआ आपका यह अभिनय सफ़र यहाँ तक पंहुचा है कैसा रहा अब तक का यह सफ़र? -बहुत ही अच्छा, मुझे पहली ही फिल्म अनुराग बासु जैसे निर्देशक के साथ करने को मिली. उनके साथ मैंने तीन फिल्में की है. इसके अलावा महेश भट्ट जैसे बड़े निर्देशक के साथ भी मैंने काम किया है. अभी मैं कई बड़ी व अच्छी फिल्में कर रही हूँ